First Published: September 27, 2021 | Last Updated:September 27, 2021
रक्षा मंत्रालय ने 24 सितंबर, 2021 को 56 Airbus C-295 विमानों के अधिग्रहण के लिए $2.5 बिलियन के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्य बिंदु
- 56 एयरबस C-295 विमान भारतीय वायु सेना (IAF) के एवरो HS-748 विमानों के पुराने बेड़े की जगह लेंगे।
- इस अनुबंध के अनुसार, एयरबस ‘फ्लाई-अवे’ स्थिति में पहले 16 विमानों की डिलीवरी करेगी। इसे स्पेन के सेविले में अंतिम असेंबली लाइन से डिलीवर किया जाएगा।
- अन्य 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) द्वारा निर्मित और असेंबल किए जाएंगे। एयरबस और TASL के बीच औद्योगिक साझेदारी के तहत भारत में इन विमानों का विनिर्माण किया जाएगा।
C-295 के ऑपरेटर
भारतीय वायु सेना दुनिया भर में C-295 विमान का 35वां संचालक बन जाएगा।
एवरो रिप्लेसमेंट प्रोग्राम
“एव्रो रिप्लेसमेंट प्रोग्राम” के तहत, एक निजी क्षेत्र की फर्म पहली बार भारत में एक पूरे विमान का निर्माण करेगी। यह निर्माण, असेंबली, परीक्षण और योग्यता, वितरण से लेकर विमान के जीवनचक्र के रखरखाव तक एक संपूर्ण औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगा।
C-295 वायुयानों की विशिष्टता
C-295 विमान दो प्रैट एंड व्हिटनी PW-127 टर्बो-प्रोप इंजन द्वारा संचालित है, जो PW-100 परिवार का एक हिस्सा है। यह युद्ध भार के साथ 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को ले जा सकता है। यह उन स्थानों पर भी आपूर्ति कर सकता है जो भारतीय वायुसेना के भारी परिवहन विमानों द्वारा सुलभ नहीं हैं।
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