First Published: May 23, 2022 | Last Updated:May 23, 2022

18 मई 2022 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी World Economic Situation and Prospects (WESP) रिपोर्ट के अनुसार, इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के केवल 3.1% बढ़ने की उम्मीद है। जनवरी में पहले की भविष्यवाणी 4.0% थी लेकिन मुख्य रूप से यूक्रेन में युद्ध के कारण इस दर में कमी आई। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) द्वारा प्रकाशित की गई है।
वैश्विक मुद्रास्फीति के बारे में यह रिपोर्ट क्या कहती है?
पूर्वानुमान से पता चला है कि यूक्रेन संघर्ष और COVID-19 महामारी ने कमोडिटी और खाद्य कीमतों में वृद्धि की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक महंगाई दर के 6.7% तक पहुंचने का अनुमान है। विकासशील और सबसे कम विकसित देशों में उच्च मुद्रास्फीति दर परिवारों की वास्तविक आय को कम कर रही है।
विकास की संभावनाओं में गिरावट के कारण कौन से देश प्रभावित हैं?
विकास की संभावनाओं में गिरावट दुनिया भर के सभी देशों को प्रभावित कर रही है, जिसमें प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं जैसे अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन आदि के साथ-साथ अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं। उच्च खाद्य और ऊर्जा की कीमतें ज्यादातर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही हैं।
यह रिपोर्ट भारत के बारे में क्या कहती है?
इस रिपोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, भले ही रूस-यूक्रेन संघर्ष दुनिया भर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को प्रभावित कर रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत के 6.4 % बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। यह 2021 के 8.8% की तुलना में धीमा है। वित्त वर्ष 2023 के लिए देश की विकास दर का अनुमान 6% है।
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