विवरण
(1) राज्य सभा –
(क) राष्ट्रपति द्वारा खंड (3) के उपबंधों के अनुसार नामनिर्देशित किए जाने वाले बारह सदस्यों, और
(ख) राज्यों के और संघ राज्यक्षेत्रों के दो सौ अड़तीस से अनधिक प्रतिनिधियों, से मिलकर बनेगी।
(2) राज्यसभा में राज्यों के और संघ राज्यक्षेत्रों के तिनिधियों द्वारा भरे जाने वाले स्थानों का आबंटन
चौथी अनुसूची में इस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगा।
(3) राष्ट्रपति द्वारा खंड (1) के उपखंड (क) के अधीन नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें निम्नलिखित विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है, अर्थात् : —
साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा।
(4) राज्य सभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाएगा।
(5) राज्य सभा में संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधि ऐसी रीति से चुने जाएँगे जो संसद विधि द्वारा विहित करे।
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संविधान (पैंतीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1974 की धारा 3 द्वारा (1-3-1975 से) ”राज्य सभा” पर प्रतिस्थापित।
संविधान (छत्तीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1975 की धारा 5 द्वारा (26-4-1975 से) ”दसवीं अनुसूची के पैरा 4 के उपबंधों के अधीन रहते हुए” शब्दों का लोप किया गया।
संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा जोड़ा गया।
संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा ”पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट” शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया।
संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा ”पहली अनुसूची के भाग ग में विनिर्दिष्ट राज्यों” के स्थान पर प्रतिस्थापित।
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