विवरण
(1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा।
[(1क) मंत्रि-परिषद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या के पन्द्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
(1ख) किसी राजनीतिक दल का संसद के किसी सदन का कोई सदस्य, जो दसवीं अनुसूची के पैरा 2 के अधीन उस सदन का सदस्य होने के लिए निरर्हित है, अपनी निरर्हता की तारीख से प्रारंभ होने वाली और उस तारीख तक जिसको ऐसे सदस्य के रूप में उसकी पदावधि समाप्त होगी या जहाँ वह ऐसी अवधि की समाप्ति के पूर्व ससंद के किसी सदन के लिए निर्वाचन लड़ता है, उस तारीख तक जिसको वह निर्वाचित घोषित किया जाता है, इनमें से जो भी पूर्वतर हो, की अवधि के दौरान, खंड (1) के अधीन मंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए भी निरर्हित होगा।
(2) मंत्री, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद धारण करेंगे।
(3) मंत्रि-परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी।
(4) किसी मंत्री द्वारा अपना पद ग्रहण करने से पहले, राष्ट्रपति तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्रारूपों के अनुसार उसको पद की और गोपनीयता की शपथ दिलाएगा।
(5) कोई मंत्री, जो निरंतर छह मास की किसी अवधि तक संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा।
(6) मंत्रियों के वेतन और भत्ते ऐसे होंगे जो संसद, विधि द्वारा, समय-समय पर अवधारित करे और जब तक संसद इस प्रकार अवधारित नहीं करती है तब तक ऐसे होंगे जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
—————————
संविधान (इक्यानवेवा संशोधन) अधिनियम, 2003 की धरा 2 द्वारा अन्तःस्थापित
भारत का संविधान , अधिक पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें