अनुच्छेद 312- Article 312 in Hindi| भारतीय संविधान

विवरण

(1) [भाग 6 के अध्याय 6 या भाग 11]* में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प द्वारा यह घोषित किया है कि राष्ट्रीय हित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है तो संसद‌, विधि द्वारा, संघ और राज्यों के लिए सम्मिलित एक या अधिक अखिल भारतीय सेवाओं के [(जिनके अंतर्गत अखिल भारतीय न्यायिक सेवा है)]** सृजन के लिए उपबंध कर सकेगी और इस अध्याय के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी ऐसी सेवा के लिए भर्ती का और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनियमन कर सकेगी।
(2) इस संविधान के प्रारंभ पर भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के नाम से ज्ञात सेवाएँ इस अनुच्छेद के अधीन संसद द्वारा सृजित सेवाएँ समझी जाएँगी।
[(3)खंड (1) में निर्दिष्ट अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के अंतर्गत अनुच्छेद 236 में परिभाषित ज़िला न्यायाधीश के पद से अवर कोई पद नहीं होगा।
(4) पूर्वोक्त अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के सृजन के लिए उपबंध करने वाली विधि में भाग 6 के अध्याय 6 के संशोधन के लिए ऐसे उपबंध अंतर्विष्ट हो सकेंगे जो उस विधि के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक हों और ऐसी कोई विधि अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए संविधान का संशोधन नहीं समझी जाएगी।]**

——————————
* संविधान (बयालीसवाँ संशोधऩ) अधिनियम, 1976 की धारा 45 द्वारा (3-1-1977 से) भाग 11 के स्थान पर प्रतिस्थापित

** संविधान (बयालीसवाँ संशोधऩ) अधिनियम, 1976 की धारा 45 द्वारा (3-1-1977 से) अंतःस्थापित।

भारत का संविधान , अधिक पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें

Share Now!

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Telegram

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

भारत के संविधान को जानें

Shopping Cart
शहीद भगत सिंह के अनसुने तथ्य जिन्हें आपने कभी नहीं सुना होगा भारत के 10 IAS अधिकारी जिन्होंने गरीबी को मात दिया